मेने तुमको  जो समझा था,
तुम वो नहीं निकले....
मेरी मोहब्बत का मज़ाक उड़ाया
तुम तो बड़े बेवफा निकले ...
मैंने मोहबत की थी तुमसे, तुम तो कमाल ही कर  बैठे ...
मोहब्बत में मरी में, दिल कसी और को दे बैठे ..
में धोखा खा गयी ,ये तो मैने सोचा न थाह कोई मज़बूरी होगी तेरे मेरे बीच, वर्ना प्यार में ऎसे हतै तो नहीं था ये जो कुछ भी मेरे साथ हुआ, अरमानो से मेरे मज़ाक हुआ,जो उम्मीदें रखी थी तुमसे, पर्दा उसका भी बेनकाब हुआ...
तेरे मासूम से चेहरे को देख के मोहब्बत कर बैठी..जब आया असली रंग सामने तो मोहब्बत पे विश्वास खो बैठी...
कुछ युंह  भी था उसकी बेवफाई का अंदाज़ छोड़ भी दिया और इलज़ाम भी नहीं आने दिया.


Neeta Sharma

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